प्रतीकात्मक फोटो
खास बातें
- कहा, जांच बहाल हुई तो अर्नब को अरेस्ट नहीं किया जाएगा
- अर्नब के वकील बोले, न्यूज क्लिप में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं
- कोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस से अर्नब के खिलाफ दर्ज FIR की सूची मांगीी
नई दिल्ली:
महाराष्ट्र पुलिस बनाम अर्नब गोस्वामी (Maharashtra Police vs Arnab goswami) मामले में महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra authorities) की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court docket) में सोमवार को सुनवाई हुई. महाराष्ट्र सरकार की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील शुरू की. सिंघवी ने भारत कार्यक्रम में दिखाई गई चीजों, बोली गई बातों और सवालों की लिखित सामग्री कोर्ट के सामने रखी. कोर्ट के पिछले आदेशों के आधार पर उनकी व्याख्या की. उन्होंने
बताया कि कैसे ‘देश पूछता है’ के नाम पर लोगों को उकसाया गया कि क्या किसी मौलवी या ईसाई की हत्या पर भी लोग यूं ही खामोश रहेंगे? इन सवालों पर यूट्यूब पर प्रतिक्रिया और लोगों की टिप्पणियों का भी ब्योरा कोर्ट में दिया गया. सिंघवी ने कहा कि हाईकोर्ट पूरी जांच कैसे रोक सकता है? अगर जांच को बहाल किया जाता है तो अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, पूछताछ के लिए पेश होने के लिए 48 घंटे का नोटिस दिया जाएगा. सिंघवी ने जांच के खिलाफ रोक का विरोध करते हुए कहा कि ये संदेश नहीं जाना चाहिए कि कुछ लोग कानून से